मेरे बारे मे जानकर करोगे भी क्या ,
झूठी बाते मानकर करोगे भी क्या ,
दोस्तो की भीड् मे यहा दुश्मन छुपे है ,
दुश्मनो को पहचान के करोगे भी क्या .....!!!! "
Friday, May 16, 2008
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शायरी एक माध्यम.............
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