विश्वास बन कर लोग जिन्दगी में आते है
ख्वाब बन कर आँखों में समा जाते है
पहले तो यकीन दिलाते है की वो हमारे हैं
फ़िर जाने क्यों तनहा बना चले जाते है
Sunday, May 11, 2008
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शायरी एक माध्यम.............
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