Friday, May 16, 2008

हौठों पर है मुस्कान अौर शब्द सर्द,
कर मत ये ग़म ग़लक हो के बेखबर,
रात अौर िदन, आँसूं अौर हंसी,
जी ले एक भरपूर, पाएगा दूसरा तभी,
िछपा खुदको इनकी आगोश में,
खुल कर बाहर पाएगा तू कभी

चन्द लम्हे बचे हैं तेरे मेरे साथ कई
मुमकिन है के बिछड़ जाएं बिना मुलाकात कई....


कहाँ आंसुओं की ये सौगात होगी,
नए लोग होंगे नयी बात होगी......


मैं हर हाल मी मुस्कुराता रहूँगा,
अगर तुम्हारी मोहब्बत मेरे साथ होगी.....


चिरागों को महफूज़ रखना आंखो मैं,
बड़ी दूर तक अँधेरी रात होगी......


मुसाफिर हूँ मैं भी, मुसाफिर हो तुम भी
फिर कहीं, किसी मोड़ पर शायद मुलाक़ात होगी.......

हर रास्ते को मुकाम नही होता...
दिल के रिश्ते का कोई नाम नही होता...
खोजा है आपको मॅन की रौशनी से...
आप जैसा दोस्त किसी के लिए आम नही होता....!!!

ले दे के अपने पास फकत इक नज़र तो है
क्यों देखे किसी को किसी की नज़र से हम
माना की गुलज़ार न कर सके जमी को
कुछ कांटे कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम

कौन किसे दिल में जगह देता है.
पेड़ भी सूखे पत्ते गिरा देता है.
वाकिफ हैं हम दुनिया के रिवाजों से.
दिल भर जाए तो हर कोई ठुकरा देता है......

फासले मिटा कर प्यार रखना,
दोस्ती का रिश्ता यू ही बरक़रार रखना,
मालूम है दोस्त बहुत है आपके,
नके बीच अपने इस दोस्त का ख्याल रखना...

कांच को चाहत थी पत्थर पाने की,
एक पल मी फ़िर टूटकर बिखर जाने की,
चाहत बस इतनी थी उस दीवाने की,
अपने टुकडों मी तस्वीर उसकी सजाने की ।

फट रहे है पुराने कागज़,
स्याही भी उडती जा रही,
हो गये सब शब्द धुँधले,
समय की धूल अक्षर खा रही
इस बात का मुझे ग़म नही,
कि इन्हे मै पढ़ नही सकता,
फिर भी सहेज रखा है इन्हे,
क्योकि,
तेरे हाथों की खुशबू,
आज भी हर ख़त से रही॰॰॰॰।"

"अभी तो मन मे मेरे कुछ गुमान बाकी है,
सवाल तेरे मेरे दरमियान बाकी है !
नही अभी तो नही खत्म ज़िन्दगी होगी,
अभी तो मेरे कई इम्तिहान बाकी है !
सुबूत इसके सिवा दोस्ती का क्या दूँ मै,
अभी तो चोट के गहरे निशान बाकी है !
जो एक आसमाँ टूट भी गया है तो क्या,
अभी तो सर पे कई आसमान बाकी है!!!!"

मेरे बारे मे जानकर करोगे भी क्या ,
झूठी बाते मानकर करोगे भी क्या ,
दोस्तो की भीड् मे यहा दुश्मन छुपे है ,
दुश्मनो को पहचान के करोगे भी क्या .....!!!! "